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एक फ़रियाद है तुमसे, मिलने आओ जब, लेते आना अपने साथ

एक फ़रियाद है तुमसे,
मिलने आओ जब,
लेते आना अपने साथ,
कुछ वादे, कुछ यादें,
और एक गुलाब,
विरह के आगोश में, 

तुम्हारी यादें ही, 
तुम्हारी याद दिलाएंगी, 

तुम्हारा वादा,
तुम्हारे आने का इंतेज़ार कराएगी, 

और अहसास दिलाएगी,
तुम्हारी मौज़ूदगी कि,
वो इक गुलाब !!— % & पेश है एक कविता:-

एक फ़रियाद है तुमसे,
मिलने आओ जब,
लेते आना अपने साथ,
कुछ वादे, कुछ यादें,
और एक गुलाब,
विरह के आगोश में,
एक फ़रियाद है तुमसे,
मिलने आओ जब,
लेते आना अपने साथ,
कुछ वादे, कुछ यादें,
और एक गुलाब,
विरह के आगोश में, 

तुम्हारी यादें ही, 
तुम्हारी याद दिलाएंगी, 

तुम्हारा वादा,
तुम्हारे आने का इंतेज़ार कराएगी, 

और अहसास दिलाएगी,
तुम्हारी मौज़ूदगी कि,
वो इक गुलाब !!— % & पेश है एक कविता:-

एक फ़रियाद है तुमसे,
मिलने आओ जब,
लेते आना अपने साथ,
कुछ वादे, कुछ यादें,
और एक गुलाब,
विरह के आगोश में,