दिल पर दस्तक दूं एतराज़ है क्या, घर में कोलाहल है कुछ राज़ है क्या। ये जो हरकतें हैं तेरी चुपके चुपके, सच सच बता कोई हमराज़ है क्या। इधर बाग में फुल भी मुर्झा रहे हैं, माली बता तो बहार नाराज़ है क्या। पूराने बहाने सुन थके हैं कान मेरे, तेरी डिक्शनरी में नये अल्फाज़ है क्या। आज आसमां भी खाली खाली सा है, सितारों का कोई और काज है क्या। ओंस की बुंदें भी गिर रही है जमीं पर, यार फसल बोने की आगाज़ है क्या। ©Harlal Mahato #Love #impression #Impressive #Nojoto #nojotohindi #nojotoshayari #nojotopoetry