बीता हुआ कल वापस आता नहीं, ,दे जाता है यादें गहरी जो तड़पाने से हटती नहीं. सोचते रहते हैं बीते हुए कल को हम ,आने वाले कल की फिकर लिए हुए हैं. जीना छोड़ देते हैं, आज बीते हुए कल को याद करते हैं, और आने वाले कल की कल की परवाह करते. आज ही हमारा है ,जो बीत गया वह सपना था . जो आने वाला है वह भी अपना कहां है , जब आएगा तब देखेंगे ,अभी तो जो है उसी में खुशी मनाओ मौज कर नाच गां , आज के ऊपर ही तो कल आएगा, तो फिर इतनी क्यों करनी परवाह. ©Sonia Lath #bita hua kal