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जब, बगीचे से सारे फूल टूट जाते है। धीरे धीरे, सारे

जब, बगीचे से सारे फूल टूट जाते है।
धीरे धीरे, सारे चिड़ियां, तितली, कीट पतंगे,
सब छूट जाते है। 
उसी तरह, जब इंसान को। 
 अपनी गलती का अहसास होता है। 
बस..., हाथो में राख बचती है। 
और, मायूसी पास होता है। 👀

©एक शायर #UnderCave
जब, बगीचे से सारे फूल टूट जाते है।
धीरे धीरे, सारे चिड़ियां, तितली, कीट पतंगे,
सब छूट जाते है। 
उसी तरह, जब इंसान को। 
 अपनी गलती का अहसास होता है। 
बस..., हाथो में राख बचती है। 
और, मायूसी पास होता है। 👀

©एक शायर #UnderCave