"खामोशियाँ मेरी अब सन्नाटा बन गई है, एक उम्मीद सी थी मन को तेरे दीदार की मगर... आँखों की नमी में वो उम्मीद ही धुल गई। अब तक सहेजी थी तेरी गली की मिट्टी मगर... अश्कों कि बर्षा में न जाने कब घुल गई।। -बेनी सिंह चौहान #yqbaba #yqdidi #hindiquotes #collab #खामोशियाँमेरी