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जीते हुए भी रोज़ पल पल मरी हूँ , आज मैं खुद में ही

जीते हुए भी रोज़ पल पल मरी हूँ , 
आज मैं खुद में ही खुद को खोजने निकली हूँ । 

हमेशा रोशन होने वाला वो तारा बनना चाहती हूँ , 
खुद ही मैं खुद का आज सहारा बनना चाहती हूँ , 
लड़की हूँ , क्यों बार बार मोम की तरह पिघली हूँ , 
आज मैं खुद में ही खुद को खोजने निकली हूँ । 

जाने क्यों इतनी बेदर्द और ज़ालिम ये दुनिया है , 
मुखौटों में छिपी नकली और दिखावी ये दुनिया है , 
कई बार सच की राहों में चलते चलते फिसली हूँ , 
आज मैं खुद में ही खुद को खोजने निकली हूँ । #me in search of myself...
जीते हुए भी रोज़ पल पल मरी हूँ , 
आज मैं खुद में ही खुद को खोजने निकली हूँ । 

हमेशा रोशन होने वाला वो तारा बनना चाहती हूँ , 
खुद ही मैं खुद का आज सहारा बनना चाहती हूँ , 
लड़की हूँ , क्यों बार बार मोम की तरह पिघली हूँ , 
आज मैं खुद में ही खुद को खोजने निकली हूँ । 

जाने क्यों इतनी बेदर्द और ज़ालिम ये दुनिया है , 
मुखौटों में छिपी नकली और दिखावी ये दुनिया है , 
कई बार सच की राहों में चलते चलते फिसली हूँ , 
आज मैं खुद में ही खुद को खोजने निकली हूँ । #me in search of myself...
prashijoshi1553

prashi joshi

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