जीते हुए भी रोज़ पल पल मरी हूँ , आज मैं खुद में ही खुद को खोजने निकली हूँ । हमेशा रोशन होने वाला वो तारा बनना चाहती हूँ , खुद ही मैं खुद का आज सहारा बनना चाहती हूँ , लड़की हूँ , क्यों बार बार मोम की तरह पिघली हूँ , आज मैं खुद में ही खुद को खोजने निकली हूँ । जाने क्यों इतनी बेदर्द और ज़ालिम ये दुनिया है , मुखौटों में छिपी नकली और दिखावी ये दुनिया है , कई बार सच की राहों में चलते चलते फिसली हूँ , आज मैं खुद में ही खुद को खोजने निकली हूँ । #me in search of myself...