बारिश की बूंदों की तरह रोना है मुझे, ज़हर जाम का पीना है मुझे, क्या करूं इतना टूट गया है , किस-किस के लिए ही रोना है मुझे। बारिश की बूंदों की तरह रोना है मुझे