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अपने हांथो से तेरी शकल लिख रहा हूं, मेरे सपनों का

अपने हांथो से तेरी शकल लिख रहा हूं,
मेरे सपनों का सुंदर महल लिख रहा हूं,
मेरे जज़्बात मेरे दिल के काबू में नहीं,
आज फिर आप पर ग़ज़ल लिख रहा हूं।
आज फिर......

यूं तो हर रोज कई अफसाने बना करते हैं,
दिल्लगी में खामखां दीवाने बना करते हैं,
मेरे लफ़्ज़ों पे तुझे ऐतबार हो जाए,
बन के दरिया मैं खिलता कमल लिख रहा हूं।
आज फिर......

मेरी ये शायरी तेरे  दिल में यूं उतर जाए,
तू अपने होंठों से छुवे और मुझको नशा हो जाए,
अपने सुरूर का बहका हुआ एक जाम नहीं,
लफ्ज़ मयस्सर हैं मै पूरी बोतल लिख रहा हूं।
आज फिर......

तू आए न आए ये जरूरी तो नहीं,
इश्क़ की रहा में कोई मजबूरी तो नहीं,
तेरी खुशबू से ही ये सिलसिला एक्स रहे,
मै दिल की बगिया में फूलों की फसल लिख रहा हूं,
आज फिर......

 -अर्जुन ' बागी ' #आजफिर आज पर एक ग़ज़ल लिख रहा हूं।
#Instagram @arjunsingh0903 
#hindi_poetry_house
#thepoteryhouse
अपने हांथो से तेरी शकल लिख रहा हूं,
मेरे सपनों का सुंदर महल लिख रहा हूं,
मेरे जज़्बात मेरे दिल के काबू में नहीं,
आज फिर आप पर ग़ज़ल लिख रहा हूं।
आज फिर......

यूं तो हर रोज कई अफसाने बना करते हैं,
दिल्लगी में खामखां दीवाने बना करते हैं,
मेरे लफ़्ज़ों पे तुझे ऐतबार हो जाए,
बन के दरिया मैं खिलता कमल लिख रहा हूं।
आज फिर......

मेरी ये शायरी तेरे  दिल में यूं उतर जाए,
तू अपने होंठों से छुवे और मुझको नशा हो जाए,
अपने सुरूर का बहका हुआ एक जाम नहीं,
लफ्ज़ मयस्सर हैं मै पूरी बोतल लिख रहा हूं।
आज फिर......

तू आए न आए ये जरूरी तो नहीं,
इश्क़ की रहा में कोई मजबूरी तो नहीं,
तेरी खुशबू से ही ये सिलसिला एक्स रहे,
मै दिल की बगिया में फूलों की फसल लिख रहा हूं,
आज फिर......

 -अर्जुन ' बागी ' #आजफिर आज पर एक ग़ज़ल लिख रहा हूं।
#Instagram @arjunsingh0903 
#hindi_poetry_house
#thepoteryhouse