बचपन की यादों में मैं कहीं बार खो जाया करती हूं याद करके उन लम्हों को मैं मन ही मन मुस्कुराया करती हूं हां वो दिन फिर वापस कभी ना आएंगे लेकिन दिल से उन लम्हों को हम कभी ना निकाल पाएंगे ना कोई फ्यूचर की टेंशन ना कोई दिल टूटने का गम बचपन में ही बेफिक्र होकर जिया करते थे हम बचपन की मासूमियत भी याद आया करती है रात में सुनी भूतों की कहानियां फिर नींदे उड़ाया करती हैं anjali #adduribaatein bachpn