Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं बहता हूँ सात सुरों में शायद कान्हा के अधरों मे

मैं बहता हूँ सात सुरों में
शायद कान्हा के अधरों में
सबा महकती फागुन की और
गुँजन है मेरा भौरों में
कोयल बैन करे जंगल में
और फिरता हूँ मैं शहरों में
चीख़ मिरी गलियों तक पहुँची
बात चली केवल बहरों में
हमने उनको ख़ुदा बनाया
हमें गिना केवल ग़ैरों में
दिन भर काटों में सोये थे
रात कटी थी अंगारों में
जाने मुझको क्या पाना है
क्यों फिरता हूँ बाज़ारों में
अब पत्थर भी पिघल पड़ेंगे
कुछ तो है इन अश'आरों में

©SANU #सातसुरोंमें       #samandar #Hindi #Shayari #Nojoto #nojotoshayari #loveshayari #poem
मैं बहता हूँ सात सुरों में
शायद कान्हा के अधरों में
सबा महकती फागुन की और
गुँजन है मेरा भौरों में
कोयल बैन करे जंगल में
और फिरता हूँ मैं शहरों में
चीख़ मिरी गलियों तक पहुँची
बात चली केवल बहरों में
हमने उनको ख़ुदा बनाया
हमें गिना केवल ग़ैरों में
दिन भर काटों में सोये थे
रात कटी थी अंगारों में
जाने मुझको क्या पाना है
क्यों फिरता हूँ बाज़ारों में
अब पत्थर भी पिघल पड़ेंगे
कुछ तो है इन अश'आरों में

©SANU #सातसुरोंमें       #samandar #Hindi #Shayari #Nojoto #nojotoshayari #loveshayari #poem
sanu7233911295746

सानू

New Creator