हमने सूरज की रोशनी में कभी अदब नहीं खोया, कुछ लोग तो जुगनुओं की चमक में मगरूर हो गए... जन्नत की जुस्तुजू ने कहीं का नहीं रखा वरना यहां भी हूरों की कोई कमी नहीं । जली इमारत के लाख दिये बेमानी , चलो बने एक दिया अंधियारी बस्ती का .... ज़िंदगी को इस तरह, थोड़ा खुशनुमा किया जाए, चलो ...!! किसी बेसहारा का, सहारा बन कर जीया जाए.. 😊 ☺️😊 #Leader