हर मुकम्मल मंजिल के सफर में बहुत कुछ टूट जाता है। यह मंजिल है कैसी, जहां अपनापन खुद से ही रूठ जाता है। तनहा शायर हूँ - यश . ©Tanha Shayar hu Yash #City #tanhashayarhu #TANHAPOEM #tanhapoetry #tanhakavita