गुलाब,किताब,शबाब गिरवी रखा है तेरे लिए ही आफ़ताब गिरवी रखा है मुकम्मल करने को कुछ ख़्वाब तेरे मैनें अपना इक ख़्वाब गिरवी रखा है कि खुश रहो ताउम्र तुम यूं साथ मेरे मैनें अपना पूरा इताब गिरवी रखा है हो रात रौशन, सितारों की हो रिहाई बदले में मैनें महताब गिरवी रखा है नहीं चलता है इश्क़ से घर का खर्चा घर चलाने को ख़िताब गिरवी रखा है तुम्हें पाने को मैनें चश्म-ए-आब गिरवी रखा है . आफ़ताब - सूरज इताब - गुस्सा महताब - चाँद चश्म-ए-आब - आँसू . #yqdidi #yabhaijaan #hindi #इश्क़ #आफताब #गजल #ख्वाब #1909avinash