उदय हो और डूब जाओ सोचना मना है, दुआ सलाम ठीक है सूर्य नमस्कार मना है। मैं महसूस कर रहा हूं तुम्हें बस देखते रहना है हिन्दूस्तान की यही विडम्बना है क्या ये कोई उल्हाना है। #hindostan ki vidambna