"दोहरा चरित्र मुझे जीने नहीं आता, मैं एक ही चरित्र में सही हूँ. आप शहरी बनकर विकास की गाथा लिखों, मैं गवंई बनकर गवार ही सही हूँ." (रोहित सिंह) ©Rohit Singh #गवई #Dark