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विरह में जी रही शब्दों की आभारी हूँ, कलम मेरे हाथ

विरह में जी रही
शब्दों की आभारी हूँ,

कलम मेरे हाथ में
अब रही ना मैं बेचारी हूँ,

रुक-रुक कर चल रही
अभी ना मैं हारी हूँ,

वज़न भले ही हल्का
बातें लिखती मगर भारी हूँ,

कल की तरह इश्क़ निभाने वाली
मैं आज की नारी हूँ... #HappyWoman'sday #Nojoto
विरह में जी रही
शब्दों की आभारी हूँ,

कलम मेरे हाथ में
अब रही ना मैं बेचारी हूँ,

रुक-रुक कर चल रही
अभी ना मैं हारी हूँ,

वज़न भले ही हल्का
बातें लिखती मगर भारी हूँ,

कल की तरह इश्क़ निभाने वाली
मैं आज की नारी हूँ... #HappyWoman'sday #Nojoto
nikitapatel9375

Nikita Patel

New Creator