विरह में जी रही शब्दों की आभारी हूँ, कलम मेरे हाथ में अब रही ना मैं बेचारी हूँ, रुक-रुक कर चल रही अभी ना मैं हारी हूँ, वज़न भले ही हल्का बातें लिखती मगर भारी हूँ, कल की तरह इश्क़ निभाने वाली मैं आज की नारी हूँ... #HappyWoman'sday #Nojoto