World Heritage Day कभी फुर्सत हो तो मेरे प्रिय मुझे को भी फोन घुमा लेना। जो भी बचा कुचा समय हो तो मेरा भी हाल पता करना। ना ही वक्त दिया हमने तुमको नहीं कभी कोई उपहार दिया। दिल से कहना तो खूब चाहा किंतु वह वक्ते ना हमको नसीब हुआ। चाहा था तुमसे मैं बात करूं दिल खोल के तुमसे सब कहे डालू। मैं वह अभागा हूं मेरे प्रिय जो चाह कर भी कुछ कर न सका। कभी फुर्सत हो तो मेरे प्रिय मुझे को भी फोन घुमा लेना। लेखक:- 👉।। अमन कुमार ।। first time writing a blog post