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महिला दिवस की बधाई हो, बहुत बार सुन लिया, मग़र फ

महिला दिवस  की बधाई  हो, बहुत बार सुन लिया,
मग़र फिर भी महिला  जीवन में  क्या  सुधार दिया,
अग़र कुछ  किया भी  तो बस एक ही दिन के लिए,
कौन है आखिर जो समाज सुधार का ठेका ले गया।

          ( कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें ) सियासत होती  देखी है महिला  उत्थान पर हमेशा,
क्या कभी किसी महिला के घर जा कर देखा भी है,
बैठे बैठे  ख़्याली पुलाव पकाने में  क्या ही जाता है,
मुद्दा तो  है ही, बस चुनावी  फर्ज़ निभाना  आता है।

माना कि नारी  बढ़  चुकी है  आगे बहुत  ही ज़्यादा,
सफल होने पे उन के नाम की माला जपी जाती है,
सफर के काँटों   को  अाखिर  कौन  उठाने आता है,
महिला दिवस  की बधाई  हो, बहुत बार सुन लिया,
मग़र फिर भी महिला  जीवन में  क्या  सुधार दिया,
अग़र कुछ  किया भी  तो बस एक ही दिन के लिए,
कौन है आखिर जो समाज सुधार का ठेका ले गया।

          ( कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें ) सियासत होती  देखी है महिला  उत्थान पर हमेशा,
क्या कभी किसी महिला के घर जा कर देखा भी है,
बैठे बैठे  ख़्याली पुलाव पकाने में  क्या ही जाता है,
मुद्दा तो  है ही, बस चुनावी  फर्ज़ निभाना  आता है।

माना कि नारी  बढ़  चुकी है  आगे बहुत  ही ज़्यादा,
सफल होने पे उन के नाम की माला जपी जाती है,
सफर के काँटों   को  अाखिर  कौन  उठाने आता है,
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Juhi Grover

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