सजे सरोवर मन गंगाजल झुकी ईख की डाली... साँझ की दुल्हन भोर सुहागन मैया डाला वाली! संदल-संदल रेशम-रेशम जीवन रचने वाली आदि इति,इत्यादि जीव का पालन करने वाली स्वप्नों का स्वर्णिम उजियारा मन में भरने वाली भरे डाल और जगमग कोषी मंगलदीपों वाली डाल घवद केला नारियल नेवदगुन फल-मूल कंद सजावे साँझ मनावें...भोर जगावे जै जै माँ छठी वाली भरे डाल सा घर आँगन हो सबके मुख की लाली #festivity#dalachhath#yqnature#yqfaith#yqmornings