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पहन कर तहजीब का जामा अपनी बदमाशियां कर गया, देखा इ

पहन कर तहजीब का जामा अपनी बदमाशियां कर गया,
देखा इश्क़ की गालियों का शोर उस ओर निकल गया,
मैं तो कमजोर मीनार था, 
उसने ठोकर मारी और मैं ढह गया, 
मेरा तसव्वुर था उसे देखना, 
और मैं देखता ही रह गया, 
पर मिली दूसरी नदी, गहराई देखा, 
उसमे उतरा और बह गया, 
बड़ी मुद्दतों बाद मौका मिला, और मैं उसको अपने दिल की बात कह गया, 
उसको भी मैं आवारा बदल अच्छा लगा और वो मेरे साथ ही रह गया, 
पहन कर तहजीब का जामा अपनी बदमाशियां कर गया 
                                       आकाश R मिश्रा #पहन कर तहजीब का जामा अपनी बदमाशियां कर गया
पहन कर तहजीब का जामा अपनी बदमाशियां कर गया,
देखा इश्क़ की गालियों का शोर उस ओर निकल गया,
मैं तो कमजोर मीनार था, 
उसने ठोकर मारी और मैं ढह गया, 
मेरा तसव्वुर था उसे देखना, 
और मैं देखता ही रह गया, 
पर मिली दूसरी नदी, गहराई देखा, 
उसमे उतरा और बह गया, 
बड़ी मुद्दतों बाद मौका मिला, और मैं उसको अपने दिल की बात कह गया, 
उसको भी मैं आवारा बदल अच्छा लगा और वो मेरे साथ ही रह गया, 
पहन कर तहजीब का जामा अपनी बदमाशियां कर गया 
                                       आकाश R मिश्रा #पहन कर तहजीब का जामा अपनी बदमाशियां कर गया