आज़ादी का जश्न मनाते हम कुर्सी पर बैठ कर सैनिक इसका मान बढ़ाते मृत्युशैया पर लेट कर आज़ादी की झांकी निकले एक दिन लाल किला आंगन में सिपाही पहने ख़ाकी निकले निश दिन सरहद के रण में एक दिन झंडा फहरा कर हम पुनः रख देते हैं वीर इसको कफ़न बनाकर मस्तक पर रख लेते हैं आज़ादी का दिन ये यारों यूँही आता जाएगा देश हमारा शहीदों के इस कर्ज़ को कब चुकाएगा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पे कुछ पंक्तियाँ वीर शहीदों के नाम, एक मुखर सवाल की क्या हम अपने सिपाहियों को सच्ची श्रद्धांजलि देने में कोई चूक तो नहीं कर रहे? ♥️ Challenge-661 #collabwithकोराकाग़ज़ 🇮🇳 स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 🇮🇳 ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)