रट-रट के सब टल गया, दिन फिरे रह-रह सब रहा, जो रहा ना काल निहाल, योगन बालिग योग लिये, फटी अंगिया की ओट लिए, मेरा मैं अब सह रहा नहीं, सदका बोसा पग भाग्य धरे, नित उठ खोला कल की ठग, रैन बटोरे नक्शे खोजें नव नभ, नैन टटोले, उड़ जाते हंसते खग! #आखिर_क्यों #श्री #पता_नहीं 🙏🏻 #निर्गुण 🦋 रट-रट के सब टल गया, दिन फिरे रह-रह सब रहा, जो रहा ना काल निहाल, योगन बालिग योग लिये,