उसकी पेशानी पे जो बल आये। दो जहां में उथल पुथल आये । इस क़दर जज़्ब हो गए दोनों । दर्द खींचू तो दिल निकल आये । # अब्बास क़मर # ©Azeem Khan #अब्बास qamar poetry#