मैं खुद का सुकून खुद के पास ढूँढने लगी हूं.. खुद से रूठ कर खुद को मनाने लगी हूं.. मैं फिर खुद से मिलकर नई सी लगने लगी हूं.. हाँ मैं खुद से प्यार करने लगी हूं.. कभी टूट कर जो बिखर सी गयी थी.. खुद को संभाल कर संवरने लगी हूं.. क़ैद कर लिया था जो खुद को एक पिंजरे में.. अब उसे तोड़ कर उड़ने लगी हूं.. मैं फिर खुद से मिलकर नई सी लगने लगी हूं.. हाँ मैं खुद से प्यार करने लगी हूं.. @