मेरी गलतियों का दोष वो खुद को बेवजह देती है वो माँ है ना, मुझे रोज़ जीने की नयी वजह देती है दिल दुखाता हूँ मैं उसका, वो हंस के भूल जाती है मेरे ना होने पे, आंसू बहा के खुद को सज़ा देती है यह मालूम है उसे कि मेरे जाने पर अकेले रहेगी वो फिर भी माँ, खुद से दूर जाने की मुझे रज़ा देती है वो बदलती नहीं है कभी, माँ ताउम्र माँ ही रहती है मेरी परवाज़ मुक्कमल हो, मुझे ऐसा फज़ा देती है रज़ा : आज्ञा, अनुमति फज़ा: माहौल, वातावरण वो माँ है ना!! ❤ #yqmaa #yqdidi #अनकहेअल्फ़ाज़ #माँकाप्यार #माँ #माँकीदुआ