चासा कर रिझेक मास गो रपा मास बछर दिनेक जगाड़ेक राखत आस बाइदे बइहारे देखि पानिकर हदहदि चासाक चास करेक मने दमे गदगदि बिहाने उठि कांधे हार जुआइल धरि मुह धअत आंतर दु एक बाहि करि पहिले खिल खेत बाहि करत उबरान घांस पचाएक लागि करत सांभरान बेरा डुबा लेइ गो कामिन डाकाडाकि धान रपे जात सबाइ करि हांकाहांकि आइढ़ धरा गो दादा बेड़े आंटेक काम काछा काटले तअ बाहराइ गातेक घाम हरलाल चासाक बेटा कहइ कथा खांटि हेबे जदि चासा हेउए माटिक संगे माटि ©Harlal Mahato #रपामास #वर्षा_ऋतु कुड़मालि कविता का हिंदी अनुवाद---- वर्षा ऋतु किसान वर्ग लिए आनंदमयी ऋतु है।क्योकि खेती से ही साल भर भोजन की जुगाड़ की आश रखते हैं।