मेहंदी के रचने का भी इंतजार नहीं करता नए दौर का इश्क रिवाज़ो से वास्ता नहीं रखता सास का बहु सरीखा सम्मान रह गया अखरता बेबी शोना के हुक्म पर देखा परिवार चलता पास पड़ोस में गौरतलब दिखीं बातें कई दूर से दिखती वो नजदीकी में राहतें नहीं बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla