इश्क़ की हर बात निराली है, हर गुज़रे पल में छिपी कहानी है वक़्त की करवटें, सितमगर ज़माना, ख़तम हर रात जवानी है एक मौसम हसीन,दिलनशीन था, जब तू मेरे सबसे करीब था इबादत भी तू, खुदा भी तू, वस्ल की रात तू ही मेरा हबीब था थमने को है यह साँसे आतुर, थम ना रहा यादों का सिलसिला ढूँढू तुम्हें गाँव-गाँव, नगर-नगर में, चल रहा यादों का काफ़िला आग,हवा,पानी,आकाश,धरती में चारो ओर बस चेहरा है तेरा कैसे भूलें तुम्हें, तू मोहब्बत हमारी, दिलकश बस चेहरा है तेरा गुज़र गया प्रेम बनकर याद सिर्फ़ थम ना रहा दर्द का मसअला धीरे-धीरे लगी आग सीने में, ज़िंदगी में आ गया एक ज़लज़ला सितम तन्हाई ले आई याद तेरी,यूँ तो गुज़र रही थी ये रात मेरी अब सुकून भी दर्द भी है दिल में, जब मन कर रहा है बात तेरी ♥️ Challenge-820 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।