तेरी चौखट के सजदे अब, मैं सुबह-शाम करता हूं.............. कोई काम-धंधा नहीं है मेरा, बस यही काम करता हूं............. शायरी की महफ़िल में अक्सर, तेरी तारीफ़ों के पुल बांधता हूं..... दास्तान-ए-मोहब्बत सुनाता हूं, तो खुद को बदनाम करता हूं...... ©Poet Maddy तेरी चौखट के सजदे अब, मैं सुबह-शाम करता हूं.............. #Bow#Door#Morning#Evening#Business#Poetry#Gathering#Praises#LoveStory#Disgrace..........