सबसे दिल खोल कर मिलो , हों खुशनुमा अल्फाज ... दिल में ही रहने दो लेकिन एक आध राज ....... खुली किताब न बनो , लोग पड़ कर फैंक देंगे , तब समझोगे दुनीआ के मिजाज .......— % & Mijaj