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ऐ शोख़ हसीना जैसे कोमल सी कली तू आजा तुझे इन पलकों

ऐ शोख़ हसीना जैसे कोमल सी कली तू
आजा तुझे इन पलकों पे बिठा के कहीं रख लूँ ,

जो देख ना सके कोई ये हुस्न-ए-पाक को
तुझे दिल में इस जहाँ से छुपा के कहीं रख लूँ ,

चाहता है जिसे हर कोई दिलों जान की तरह
मैं तुझको वो हँसी अरमाँ बना के कहीं रख लूँ ,

और पूजते हैं जिसको सब यूँ सर ये झुकाके
कि तुझको उस मूरत सा सजा के कहीं रख लूँ ,

इक दफा जो चली जाए तो फिर मौत ही तय हो
मैं तुझको अपनी रूह बना के कहीं रख लूँ ।

©️ Abhishek Chakraborty (Abhi) #AbhishekChakraborty (Abhi)
ऐ शोख़ हसीना जैसे कोमल सी कली तू
आजा तुझे इन पलकों पे बिठा के कहीं रख लूँ ,

जो देख ना सके कोई ये हुस्न-ए-पाक को
तुझे दिल में इस जहाँ से छुपा के कहीं रख लूँ ,

चाहता है जिसे हर कोई दिलों जान की तरह
मैं तुझको वो हँसी अरमाँ बना के कहीं रख लूँ ,

और पूजते हैं जिसको सब यूँ सर ये झुकाके
कि तुझको उस मूरत सा सजा के कहीं रख लूँ ,

इक दफा जो चली जाए तो फिर मौत ही तय हो
मैं तुझको अपनी रूह बना के कहीं रख लूँ ।

©️ Abhishek Chakraborty (Abhi) #AbhishekChakraborty (Abhi)