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जिस्म बेचना उसकी मज़बूरी थी प्यार तों वो एक से ही क

जिस्म बेचना उसकी मज़बूरी थी
प्यार तों वो एक से ही करना चाहती थी
पर उसी के प्यार मे कमी थी जो बेच आया
उसे चाँद रुपयों की खातिर, गन्दी नाली मे
पड़ कर कैसे उजली होती कौन उसे अपनाता
जो बेच गया उसे उस बाजार मे प्यार मे फसा
कर अब एतबार नहीं करती वो किसी यार पर
जिस्म बेचेगी जब तक जवान हैं कोई पेंशन तों
नहीं देगा उसे क्यों कि वो एक तबायफ नाचने
वाली हैं पेट तों भरेगी ना भूखी कैसे रहेगी उनका भी
 जिन्हे घर पर प्यार नहीं मिलता, जिस्म की 
भूख खींच लाती हैं कोठे पर.........

©PФФJД ЦDΞSHI
  जिस्म की भूख #तबायफ  Bhardwaj Only Budana Hardik Mahajan Ritu Tyagi vineetapanchal वंदना ....