जितना देखुं मन नहीं भरता यह दिल है कि कहीं और नही लगता ॥ जितना चाहुं मन नही भरता यह प्यार है कि गलत वोह नही हो सकता जितना देखुं मन नहीं भरता यह दिल है कि कहीं और नही लगता ॥ जितना सोचू मन नही कतराता यह दिल है कि किसी और नहीं सोचता जितना देखुं मन नहीं भरता यह दिल है कि कहीं और नही लगता ©kadamkl #DilKiAwaaz #गीत #काव्य #हिंदीकाव्य