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हमने तो शिद्दत से ही चाहा था ,जिंदगी भर के लिए नही

हमने तो शिद्दत से ही चाहा था ,जिंदगी भर के लिए नहीं सात जन्मों तक का वादा था ।
चकना चूर हुए सब वादे मेरे, जब मालूम हुआ। 
हर उसकी गलती का इल्जाम मेरे सर आया था।।
अरे जाना था तो, हंस के कहते, यूं इल्जामों का तोहफा क्यों देके जाना था।।
और कहा था , तुमने हम कभीं न बिछड़ेंगे,
सदा तुम्हारे साथ रहेंगे,।
हां अगर ये झूठी थी सारी बाते तेरी ,ये आखिरी सच तो कह के जाना था ।।

©By Danish(jacky)
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