Nojoto: Largest Storytelling Platform

छुपा के सुर्ख़ आंखे दर्द कोई गहरा लेकर आ रही हो आ

छुपा के सुर्ख़ आंखे दर्द कोई गहरा लेकर आ रही हो 
आज फिर कोई ज़ख्म मिला है जो इतना मुस्करा रही हो 

बुला के अपने करीब बस दिल को बहला रही हो 
कह भी दो जो दिल मे है क्यों इतना हिचकिचा रही हों 

सच्ची बस तुम्हारे दिल की सुनेंगे गर तुम्हें मंजूर हो 
विश्वास तो करो हम पे किस बात से तुम घबरा रही हों 

मुक्कमल जहां नहीं मिलता किसी को क्यों परेशान हो 
दिल पर पत्थर रख ख़ामोश रह कर कुछ तो छुपा रही हों 

माना कि कोई किसी का नहीं तुम ये भी जानती हों 
गुज़र जाएगा वक़्त बार बार खुद को यहीं समझा रहीं हो

©vineetapanchal
  #khamoshi #merealfaaz #life