सादिया प्रकृति से उसे है प्यार, जानवरों से करती इकरार, स्वभाव से शांत है, लड़की थोड़ी एकांत है । सादगी में भी खूबसूरती बेमिसाल है, हाँ, हमारी सादिया सचमुच कमाल है । नहीं बताती यह सबको अपनी बात है, सिवाय उस एक दोस्त के जिनको, यह मानती पूरी कायनात है । ज्यादा बकबक नहीं करती है, अक्सर यह शांत ही रहती है । न किसी का कभी, यह दिल दुखाती हैं, न कभी किसी से, मतलब का रिश्ता निभाती है । हे ऊपर वाले कर दो, इसकी सारी मुरादें पूरी, ना रखना ख्वाहिश इसकी, एक भी अधूरी । -अनुष्का वर्मा ©kitabe_kavita_ki #Poem #poem