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" पत्थर के फूल " मैं एक फूल था गुलशन में और फूलों

" पत्थर के फूल "
मैं एक फूल था गुलशन में और फूलों की तरह , 
मैं भी खिलना लहराना मुस्कुराना चाहता था बाघ के और फूलों की तरह ! 
हालातों ने मेरा मुझसे वह बचपन छीन लिया , 
और एक नन्हे से फूल को पत्थर का बना दिया !!
" More story read in caption " वह एक फूल ही तो था , छोटे-छोटे
नन्हे-नन्हे हाथ थे उसके ठुमक-ठुमक
कर चलता था , तोतली भाषा बोलता
था , कितना प्यारा था गोल मटोल सा ,
अभी 3 साल का ही तो हुआ था ! गरीब
मां बाप का वही तो एक लाडला था !
प्यार से उसको कृष्णा बुलाते थे उसके
माँ बाप , आवाज लगाते ही अपने
" पत्थर के फूल "
मैं एक फूल था गुलशन में और फूलों की तरह , 
मैं भी खिलना लहराना मुस्कुराना चाहता था बाघ के और फूलों की तरह ! 
हालातों ने मेरा मुझसे वह बचपन छीन लिया , 
और एक नन्हे से फूल को पत्थर का बना दिया !!
" More story read in caption " वह एक फूल ही तो था , छोटे-छोटे
नन्हे-नन्हे हाथ थे उसके ठुमक-ठुमक
कर चलता था , तोतली भाषा बोलता
था , कितना प्यारा था गोल मटोल सा ,
अभी 3 साल का ही तो हुआ था ! गरीब
मां बाप का वही तो एक लाडला था !
प्यार से उसको कृष्णा बुलाते थे उसके
माँ बाप , आवाज लगाते ही अपने