White 212 212 212 212 सब है चुप, सच यहाँ बोलता कौन है झूठ को ,सच से अब तोलता कौन है जल रहे खाब सबकी निगाहों केअब नफरतो का जहर घोलता कौन है कहते हैसब जिसे इन्तिहा इश्क अब वो फकत खेल है जानता कौन है उम्र भर मिलने देंगी नही रंजिशें वक्त रहते ये सब सोचता कौन है सब लिखे लफ्ज मेरे महकने लगे इन्हें चंदन मगर मानता कौन है जख्म कितने किसे मोहब्बत केमिले वक्त के साथ ये देखता कौन है ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 23/6/2017 ©laxman dawani #love_shayari #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge