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उम्मीदें जिंदा रखो, कारवां तो एक ना एक दिन जुड़ ही

उम्मीदें जिंदा रखो,
कारवां तो एक ना एक दिन जुड़ ही जायेगा।

प्यास जिंदा रखो,
दरिया तो एक ना एक दिन खुद मुड़ ही आयेगा।

हौसले जिंदा रखो,
मौका तों एक ना एक दिन मंजिल के लिए खुद ही आयेगा।

खुद में खुद को जिंदा रखो,
वक्त तो एक ना एक दिन अच्छा जरूर ही आयेगा।

                           -------------------आनन्द

©आनन्द कुमार 
  #Anand_Ghaziabadi 
#आनन्द_गाजियाबादी 
#उमीदें