*ऐसे ही गुज़ार ली जिंदगी हमने,..* *कभी उसकी "रजा" समझकर,..* *तो कभी अपने गुनाहों की "सजा" समझकर...* *भरोसे पर ही टिकी है..* *"जिंदगी"....* *वरना कौन कहता है..* *"फिर मिलेंगे"..* 🌻🌹🌻सुप्रभात🌻🌹🌻 तेरे संग यारा ©veenesh kumar yadav #Dussehra #Dussehra