दुश्मन जैसे दोस्त एक मोहतरमा जो मेरे बड़े ही करीब थी , जिन्होंने हमें अपना अजीज़ कहा , अक्सर दिल खोल के रख दिया करती थी अपना , कुछ कहकर बहुत कुछ सुन लिया करती थी , मालूम नहीं था वो आस्तीन का सांप निकलेंगी , जो मुझे अपना अजीज कहती , वही दुश्मन निकलेगी, वो दोस्त नहीं वो दुश्मन जैसी दोस्त होगी | #DUSHAM #JAISE #DOST