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भटकते भटकते एक दिन मैं खुद से जा मिली, देखा खुद क

भटकते भटकते एक दिन मैं खुद से जा मिली, 
देखा खुद को अनकहे घाव के निसानो में,
कुछ प्रश्न और उनके जवाबो मे,
राहों के पते से, अनजान पड़ावों मे,
भटकते भटकते एक दिन मैं खुद से जा मिली ।

कुछ अनकहे किताब के पन्नों मे,
कुछ खिलौनों कुछ गुड़ियों की पोशाकों में,
हल्की सी मुस्कान और आखों की नमी मे,
जैसे कई कहानियों के नैतिक जवाबों में, 
भटकते भटकते एक दिन मैं खुद से जा मिली ।

किसी नदी के किनारे हवाओ के बहावो में,
ऊंचे पहाड़ों के धारों में, 
वसंत के फूलों में,
बारिश की बूंदों में ,
अकेले किसी ओर पर किसी छोर पर नजर के नजारो में,
भटकते भटकते एक दिन मैं खुद से जा मिली ।
                               प्रेरणा युक्ता

©Prerana"Yukta" #self
भटकते भटकते एक दिन मैं खुद से जा मिली, 
देखा खुद को अनकहे घाव के निसानो में,
कुछ प्रश्न और उनके जवाबो मे,
राहों के पते से, अनजान पड़ावों मे,
भटकते भटकते एक दिन मैं खुद से जा मिली ।

कुछ अनकहे किताब के पन्नों मे,
कुछ खिलौनों कुछ गुड़ियों की पोशाकों में,
हल्की सी मुस्कान और आखों की नमी मे,
जैसे कई कहानियों के नैतिक जवाबों में, 
भटकते भटकते एक दिन मैं खुद से जा मिली ।

किसी नदी के किनारे हवाओ के बहावो में,
ऊंचे पहाड़ों के धारों में, 
वसंत के फूलों में,
बारिश की बूंदों में ,
अकेले किसी ओर पर किसी छोर पर नजर के नजारो में,
भटकते भटकते एक दिन मैं खुद से जा मिली ।
                               प्रेरणा युक्ता

©Prerana"Yukta" #self
preranasemwal3682

Prerana"Yukta"

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