कभी ढूंढ़ लेना तुम यादों में अपनी आईना नया है शक्लें पुरानी हैं मिल जाऊँ अगर तो इश्क बचा है ना मिलूं तो समझो ख़त्म कहानी है मोहब्बत में डूबे आशिक को क्या-क्या ना दिखाई दिया तेरी रूह-ए-समंदर में आब-ए-आइना दिखाई दिया . नहीं होती है इनायत किसी भी पंछी पे ऐसी इनायत-ए-पंछी को तो हर शख्स तुझसा दिखाई दिया . लाखों रुकावटे चीरकर कोई बनता है मजनू ज़ुल्मी दुनिया में मोहब्बत का जलवा दिखाई दिया II