ज़िन्दगी में जब, दुखों का अंधेरा छाता है, इंसान डर, संदेह और नकारात्मकता के दलदल में, अमूमन फस जाता है। धैर्य से काम लेने वालों के लिए, खुशियों से भरा सवेरा, जल्द ही आता है, पर दुख में, धैर्य का मंत्र, कोई-2 ही समझ पाता और अपनाता है। ज़िंदगी तो धूप छाँव का खेला है, कहाँ किसी की ज़िंदगी में सिर्फ खुशियों का ही डेरा है, बस, धैर्य और सकारात्मकता के साथ, बेखौफ़, पार करनी है हर रूकावट और दूर करना अंधेरा है। #ज़िंदगी#धूपछांव#खेला