ये बसुधा ये कुटुंब क्यू पराए से लगने लगे है ए खुदा जवाब दो तेरे इशारे को मोशिकी समझ ऐतबार किया था हमने मुसलसल सालों चली खामोशी को तेरे दर पे जहन ए वजूद में लाया था हमने फिर क्यूं मेरी थोड़ी सी नाराजगी का सबब उसके खुशी का पैमाना बना दिया तुमने क्यू ए ख़ुदा जवाब दो✍️✍️ मेरी कलम✍️✍️ वो चाहे अपने हों या पराये। सरकार हो चाहे घर बार। यहां तक कि ख़ुद से भी सवाल जवाब ज़रूरी है। परिवर्तन सवालों से ही आता है। परिवर्तन के लिए जवाब मांगिये। #जवाबदो #jawabdo #challenge #yqdidi #YourQuoteAndMine