क्रॉप टॉप खुले बाल बिंदियाँ , अहा उसपे तिरछी तिरछी अँखियाँ , अहा कोई भी एक नजर देख चहक उठे मुस्कान जैसे सुबह की कलियाँ , अहा ख्वाबों ख्यालों से कमरे तक वही - वही कटे कैसे उसके बिन अब रतियाँ , अहा उसके आते हि मौसम हँसने लगे जीने लगे यार वो लड़की एक जादू की पूड़ियाँ , अहा यूँ आँखों हि आँखों में बात कहना समझना कितना अप्रीतम है उससे ऐसे बतियाँ , अहा ये गुलाब खत क्या है ? प्रेम में पहनाऊँ उसको अपने नाम मंगलसूत्र बिछिया नथियाँ , अहा ना जीत पाओगे ना हार पाओगे कुणाल देखो प्रेम क्रीड़ा में उसके संग संग सब सखियाँ , अहा ©Author kunal #love #poet #kunu #kunal #care #crush Praveen Jain "पल्लव" भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन