#5LinePoetry तन्हाईयों की मेरे खुशनुमा सी महफिल माना है तुम्हें बंदिशें ,आज़माईशें,अज़ियतें खुदा की मंजूर है मुझे ,बस शर्त ये है उस इन्तेहा के नतीजे मे मुझे तुम्हारा सात मिले। निकलते हौ तुम अपने घर से और देखो तो तुम्हारी एक झलक देखने को हम छत पर कडी धूप मे तपते रहे। बताओ कैसे ना होते गिले,नाराज़गीयाँ तुम्से, देखा है हमने तम्हें किसी और की तारीफें,किसी और को अपनी आँखो से रिजाते हुए। पर फिर भी मुझे तुमको पाना है ,आज नही समझरहे मेरी बेकस मोहब्बत को एक दिन जानकर तुम्हें मेरी मोहब्बत के आगे ज़रूर झुक जाना है। सब भूलकर तुम्हारी गलतियाँ मुझे जिन्दगी भर के लिए तुन्हें अपनी बाहों मे समाना है और अपना बनाना है। ©soldier of god ♥️ ..#5LinePoetry #nojotohindi #love #mohabbath #Imaginaryquotes #Quotes