मेरी diduuu सब से अनोखी। देखी हैं जैसे उससे कई ज्यादा अच्छी हैं, समझती हैं मुझे। हैं तो मुझे से बड़ी पर मेरी किसी बात का बुरा नाजाने क्यों नहीं मानती। हूँ मैं छोटा ,छोटा होने का फ़ायदा उठता हूँ ,चुहिया चुहिया बोल कर इसे सताता हूँ । ना जाने किस मिट्टी की बनी हैं ,वो मिट्टी मुझे उधार नहीं देती। माना बस दो बातों से ये रिश्ता बन गया हमारा, खुशियों का ठिकाना अब हो गया हमारा। चुहिया सी बहन हैं हमारी,नींद की हैं बीमारी। इत्तु सा पैग़ाम चुहिया diduuuuu के नाम। #Rakhi मेरी diduuu सब से अनोखी। देखी हैं जैसे उससे कई ज्यादा अच्छी हैं, समझती हैं मुझे। हैं तो मुझे से बड़ी पर मेरी किसी बात का बुरा नाजाने क्यों नहीं मानती। हूँ मैं छोटा ,छोटा होने का फ़ायदा उठता हूँ ,चुहिया चुहिया बोल कर इसे सताता हूँ । ना जाने किस मिट्टी की बनी हैं ,वो मिट्टी मुझे उधार नहीं देती। माना बस दो बातों से ये रिश्ता बन गया हमारा, खुशियों का ठिकाना अब हो गया हमारा। चुहिया सी बहन हैं हमारी,नींद की हैं बीमारी।