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#KabirIsGod#SaintRampalJi#SantRampalJiMaharaj ॐ त

#KabirIsGod#SaintRampalJi#SantRampalJiMaharaj

ॐ तत सत का भेद गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में लिखा है।

ॐ, तत्, सत्, इति, निर्देशः, ब्रह्मणः, त्रिविधः, स्मृतः

सच्चिदानंद धन ब्रह्म की भक्ति का मन्त्र “ॐ तत् सत्" है।

“ॐ” मन्त्र ब्रह्म का है। “तत्" यह सांकेतिक है जो अक्षर पुरुष का है। “सत्" मंत्र भी सांकेतिक मन्त्र है जो परम अक्षर ब्रह्म का है। इन तीनों मन्त्रों के जाप से वह परम गति प्राप्त होगी जो गीता अध्याय 15 श्लोक 4 म कही है कि जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार म कभी नहीं आते।

👉🏻अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel पर Visit करें |

➡️ सुनिए बाख़बर परम संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन :-
 ➜ साधना TV 📺 पर शाम 7:30 से 8:30
 ➜ श्रद्धा Tv 📺 दोपहर - 2:00 से 3:00

©Reeshabh Sahu #Geeta_gyan
#KabirIsGod#SaintRampalJi#SantRampalJiMaharaj

ॐ तत सत का भेद गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में लिखा है।

ॐ, तत्, सत्, इति, निर्देशः, ब्रह्मणः, त्रिविधः, स्मृतः

सच्चिदानंद धन ब्रह्म की भक्ति का मन्त्र “ॐ तत् सत्" है।

“ॐ” मन्त्र ब्रह्म का है। “तत्" यह सांकेतिक है जो अक्षर पुरुष का है। “सत्" मंत्र भी सांकेतिक मन्त्र है जो परम अक्षर ब्रह्म का है। इन तीनों मन्त्रों के जाप से वह परम गति प्राप्त होगी जो गीता अध्याय 15 श्लोक 4 म कही है कि जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार म कभी नहीं आते।

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