तुम क्या जानों क्या कीमत है एक अन्न के दाने की, लाखों को रोटी नहीं मिलती दो वक्त को खाने की, हर बात में आगे हैं हम एक बात में चूके हैं, हजारों होते भंडारे पर अभी भी लाखों भूखे हैं। #चौहाण #Life